Dant Ka Kida Kaise Marein: दांतों की समस्याएं आजकल हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही हैं। दांत में कीड़ा लगना, कैविटी और पायरिया जैसी बीमारियां न केवल दर्द का कारण बनती हैं, बल्कि मुस्कान की सुंदरता पर भी असर डालती है। हाल ही में स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, शुरुआती चरण में इन समस्याओं का घरेलू इलाज अपनाकर महंगे डेंटल ट्रीटमेंट से बचा जा सकता है। इस लेख में हम आपको ऐसे प्राकृतिक देसी नुस्खों के बारे में बताएंगे जो दांत के कीड़े मारने, कैविटी हटाने और पायरिया ठीक करने में कारगर साबित हो सकते हैं।
- दांत में कीड़ा लगने के कारण और लक्षण क्या हैं?
- लौंग का तेल: दांत दर्द और कीड़े का तुरंत इलाज राहत देता है।
- नीम की दातून: दांतों को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाएं रखता है।
- नमक और सरसों का तेल: मसूड़ों की सूजन का चमत्कारी समाधान देता है।
- तुलसी और काली मिर्च: कीटाणुओं को जड़ से खत्म करता है।
- इन घरेलू उपायों के समूचे लाभ और सावधानियां क्या बरतनी है ?
दांत में कीड़ा लगने के कारण और लक्षण क्या हैं?
दांत में कीड़ा लगना वास्तव में बैक्टीरिया के कारण होने वाली कैविटी ही है, जो दांतों को अंदर से खोखला कर देती है। इसका वजह है मीठी चीजों का अधिक सेवन करना, खराब ब्रशिंग आदतें और एसिडिक फूड्स खाना। इसके लक्षण होता है दांत दर्द, संवेदनशीलता, काले धब्बे और मसूड़ों में सूजन दिखाई देती है। पायरिया मसूड़ों की सूजन है, जो बैक्टीरियल इंफेक्शन से होती है और दांतों की जड़ों को कमजोर बनाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, शुरुआती स्टेज में घरेलू उपाय अपनाने से 70-80% मामलों में राहत मिल सकती है। हालांकि, गंभीर मामलों में डॉक्टर से सलाह बहुत जरूरी है।
लौंग का तेल: दांत दर्द और कीड़े का तुरंत इलाज राहत देता है।
लौंग का तेल दांतों की समस्याओं के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपाय में से एक माना जाता है। इसमें यूजेनॉल नामक तत्व होता है, जो प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और दर्दनिवारक के रूप में काम करता है। यह बैक्टीरिया को मारता है और कैविटी को बढ़ने से रोकता है।
- उपयोग की विधि: एक रुई के टुकड़े में 2-3 बूंद लौंग का तेल डालें। इसे प्रभावित दांत पर 5-10 मिनट रखें। ऐसा दिन में 2-3 बार दोहराएं। इससे राहत मिलता है। और दांत खराब होने से बचता है।
- लाभ: इससे दर्द तुरंत कम होता है, कीड़े कमजोर होने लगते है, और पायरिया की सूजन घटती है। हाल की स्टडीज में पाया गया कि लौंग का तेल एंटीबायोटिक्स जितना ही असरदार होता है।
- सुझाव: जब भी इस्तेमाल करे शुद्ध लौंग का तेल ही इस्तेमाल करें, ताकि किसी तरह की एलर्जी न हो।
नीम की दातून: दांतों को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाएं रखता है।
नीम आयुर्वेद में दांतों का रक्षक माना जाता है। इसके एंटीबैक्टीरियल गुण बैक्टीरिया को खत्म करते हैं और दांतों को सड़ने से बचाते हैं। यह पायरिया के लिए यह विशेष रूप से फायदेमंद है, क्योंकि यह मसूड़ों को स्वस्थ रखता है।
- उपयोग की विधि: सुबह नीम की ताजी दातून चबाएं और उसी से दांत साफ करें। वैकल्पिक रूप से, नीम की पत्तियों को पीसकर नमक मिलाएं और ब्रश की तरह इस्तेमाल करें। इससे भी लाभ मिलता है।
- लाभ: कैविटी को कम करता है, और मुंह की दुर्गंध को भी दूर करता है और दांतों की जड़ों को मजबूत बनाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी नीम को ओरल हेल्थ के लिए नीम के दातुन करने का सलाह देता है।
नमक और सरसों का तेल: मसूड़ों की सूजन का चमत्कारी समाधान देता है।
नमक और सरसों का तेल का मिश्रण दांतों और मसूड़ों की गहराई से सफाई करता है। नमक एंटीसेप्टिक है, जबकि सरसों का तेल बैक्टीरिया को मारता है। यह कैविटी और पायरिया दोनों में राहत देता है।
- उपयोग की विधि: आधा चम्मच नमक में 4-5 बूंद सरसों का तेल मिलाकर पेस्ट बनाएं। इससे धीरे-धीरे मसूड़ों की मालिश करें। ऐसा रोजाना एक बार करें।
- लाभ: ऐसा रोजाना करने से जमा प्लाक हटाता है, सूजन कम करता है और दांतों को चमकदार बनाता है। घरेलू उपायों में यह सबसे सस्ता और प्रभावी भी है।
तुलसी और काली मिर्च: कीटाणुओं को जड़ से खत्म करता है।
तुलसी और काली मिर्च का एक साथ प्रयोग करने से एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है। यह दांत के कीड़े मारने और पायरिया ठीक करने में काफी मदद करता है।
- उपयोग की विधि: 5-6 तुलसी की पत्तियां और 2-3 काली मिर्च पीसकर पेस्ट बनाएं। इसे दांत पर लगाकर 10 मिनट छोड़, फिर कुल्ला करें
- लाभ: दर्द और सूजन कम करता है, मुंह के कीटाणुओं को सफाया करता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में यह सदियों से इस्तेमाल होता आ रहा है।
इन घरेलू उपायों के समूचे लाभ और सावधानियां क्या बरतनी है ?
ये सभी देसी नुस्खे प्राकृतिक हैं, जो बैक्टीरिया को मारते हैं, दर्द कम करते हैं और दांतों को मजबूत बनाते हैं। इसके लाभों में शामिल हैं, कैविटी रोकना, पायरिया से राहत, मुंह की सफाई और कोई साइड इफेक्ट नहीं। हालांकि, सावधानियां बरतें- अगर दर्द तेज हो या बुखार आए, तो तुरंत डेंटिस्ट से मिलें।
डिस्क्लैमर: उपरोक्त दी गई जानकारी सामन्य जानकारी पर आधारित है, कुछ भी इलाज करने से से पहले चिकत्सक से जरूर सलाह ले।
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