AI Scam Alert: आज की डिजिटल दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने जीवन को आसान तो बनाया है, लेकिन साथ ही स्कैमर्स के लिए नए हथियार भी दे दिया है। अभी हाल ही में गूगल ने अपनी ‘स्टेट ऑफ स्कैम्स 2025’ रिपोर्ट में खुलासा किया है कि 57% लोग पिछले साल किसी न किसी ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए। हैकर्स अब AI टूल्स का इस्तेमाल करके फर्जी जॉब ऑफर्स, फेक ऐप्स और VPN स्कैम्स चला रहे हैं, जो पहले से ज्यादा विश्वसनीय लगते हैं। यह रिपोर्ट बताती है कि AI के बढ़ते उपयोग से साइबर क्राइम और ज्यादा बढ़ गए है, लेकिन सतर्क रहकर और गूगल के टूल्स से आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। आइये जानते है कैसे ?
स्कैमर्स AI का कैसे कर रहे हैं दुरुपयोग?
स्कैमर्स अब पुराने तरीकों से कहीं आगे निकल चुके हैं। AI की मदद से वे ऐसे कंटेंट और स्ट्रेटेजी तैयार कर रहे हैं जो यूजर्स की कमजोरियों का फायदा उठाते हैं। हम आपको यहां मुख्य चार प्रकार के AI-संबंधित स्कैम्स पर बात करेंगे, जो की गूगल की रिपोर्ट में हाइलाइट किए गए हैं। इनमें से प्रत्येक स्कैम में AI का रोल महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह स्कैमर्स को बड़े पैमाने पर ऑटोमेटेड हमले करने की क्षमता देता है। जिससे ठग सटीक लोगो तक पहुंच जाते है।
Online Job Scams: फेक ऑफर्स का जाल।
ऑनलाइन जॉब मार्केट में बेरोजगारी का फायदा उठाकर स्कैमर्स फेक करियर वेबसाइट्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर जॉब पोस्टिंग करते हैं। AI टूल्स से वे असली कंपनियों जैसे Google, Amazon या Microsoft के नाम से विज्ञापन तैयार करते हैं। ये विज्ञापन इतने प्रोफेशनल लगते हैं कि वे जॉब सीकर्स को ‘रजिस्ट्रेशन फीस’ या ‘इंटरव्यू प्रोसेसिंग चार्ज’ के नाम पर पैसे ट्रांसफर करने के लिए मना लेते हैं। इसके अलावा, वे आधार कार्ड, पैन नंबर, बैंक डिटेल्स या CV जैसी पर्सनल जानकारी इकट्ठा करते हैं, जिसका इस्तेमाल आगे पहचान चोरी या अन्य फ्रॉड के लिए करते है।
उदाहरण के तौर पर, एक स्कैमर AI से जनरेटेड ईमेल भेज सकता है जो यूजर की पिछली जॉब हिस्ट्री के आधार पर कस्टमाइज्ड लगे। भारत में ऐसे स्कैम्स में वृद्धि देखी गई है, जहां LinkedIn या Naukri.com जैसे प्लेटफॉर्म्स पर फेक प्रोफाइल्स बनाए जाते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में ऐसे स्कैम्स से लाखों लोगों को नुकसान पहुंचा है।
Fake Review And Extortion: बिजनेस को ब्लैकमेल करना।
यह एक तरह से नया ट्रेंड है जहां स्कैमर्स किसी बिजनेस के गूगल मैप्स प्रोफाइल पर AI से जनरेटेड नेगेटिव रिव्यूज पोस्ट करते हैं। ये रिव्यूज इतनी बड़ी संख्या में होते हैं कि बिजनेस की रेटिंग गिर जाती है, जिससे ग्राहक कम होते हैं। फिर स्कैमर्स ईमेल या मैसेज के जरिए संपर्क करते हैं और रिव्यू हटाने के बदले पैसे की मांग करते हैं। AI यहां रिव्यूज को विविध और वास्तविक दिखाने में मदद करता है, जैसे की अलग-अलग भाषाओं या स्टाइल्स में लिखना। जिससे लोगो को असली लगता है।
छोटे बिजनेस ओनर्स, जैसे लोकल रेस्टोरेंट या शॉप्स, इस स्कैम के मुख्य शिकार होते हैं। गूगल की रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे मामलों में 30% वृद्धि हुई है, और इससे बिजनेस को प्रतिष्ठा और राजस्व दोनों का भारी नुकसान होता है।
Fake AI Apps: लोकप्रिय AI का फायदा।
AI टूल्स की बढ़ती डिमांड का फायदा उठाकर स्कैमर्स ChatGPT, Gemini या Midjourney जैसे ऐप्स की नकल वाली फेक ऐप्स बनाते हैं। ये ऐप्स गूगल प्ले स्टोर या थर्ड-पार्टी साइट्स पर उपलब्ध होती हैं और डाउनलोड करने पर मैलवेयर इंस्टॉल करती हैं। मैलवेयर फोन से कॉन्टैक्ट्स, मैसेजेस, बैंकिंग ऐप्स की जानकारी चुराता है। AI से बने प्रोमोशनल डिस्क्रिप्शन और इमेजेस इन ऐप्स को काफी हद तक भरोसेमंद बनाते हैं।
उदाहरण के लिए, एक फेक AI ऐप ‘फ्री AI इमेज जेनरेटर’ के नाम से आ सकती है, लेकिन असल में यह स्पाईवेयर होती है। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि ऐसे ऐप्स से डेटा लीक का खतरा बढ़ रहा है, खासकर युवाओं में जो AI टूल्स ट्राई करने के शौकीन होते हैं।
ये भी पढ़े:
Jio का बजट प्लान आया वापिस! ₹189 में मिलेगी दमदार वैलिडिटी और डेटा, Jio 189 Recharge Plan
WhatsApp Username Feature Launch: अब नहीं दिखेगा आपका नंबर, 2026 में धमाकेदार अपडेट।
