Newly Married Pregnancy Advice: परिवार नियोजन आज के समय में हर दंपति के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। उन्हें विशेष रूप से युवा महिलाएं और जोड़े जो शादी के बाद तुरंत बच्चा नहीं चाहते, उन्हें सही जानकारी और सावधानियां अपनानी चाहिए। हाल ही में जारी एक एक्सपर्ट गाइड में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्चना धवन बजाज ने महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े सवालों पर विस्तार से चर्चा की है।
इस लेख में हम परिवार नियोजन की सुरक्षित विधियों, गर्भनिरोध के विकल्पों और स्वास्थ्य टिप्स पर फोकस करेंगे, ताकि आप सही समय पर सही फैसले ले सकें।
शादी के बाद बच्चा न चाहने वाली महिलाओं की चिंताएं और उसका समाधान।
शादी के बाद कई महिलाएं करियर, स्वास्थ्य या अन्य कारणों से बच्चा प्लान करने में देरी करना चाहती हैं। लेकिन क्या इससे भविष्य में गर्भधारण में समस्या आ सकती है? रांची की 30 वर्षीय सोनी सिंह जैसी कई महिलाओं की यह आम चिंता है। डॉ. अर्चना धवन बजाज सलाह देती हैं कि सबसे पहले गाइनेकोलॉजिस्ट से मिलकर पति-पत्नी दोनों की जांच करवाएं। महिलाओं के लिए एंटी मुलेरियन हार्मोन (AMH) और एंट्रल फॉलिकल काउंट (AFC) टेस्ट जरूरी हैं, जबकि पुरुषों के लिए सीमन एनालिसिस।
अगर रिपोर्ट सामान्य है, तो इंतजार किया जा सकता है, लेकिन शरीर को तैयार रखना चाहिए। रोजाना फॉलिक एसिड का सेवन करें, धूम्रपान, शराब या वेपिंग जैसी आदतें छोड़ें, वजन नियंत्रित रखें और नियमित व्यायाम अपनाएं। यदि रिपोर्ट खराब है, तो एग फ्रीजिंग, एंब्रियो फ्रीजिंग या स्पर्म फ्रीजिंग जैसे आधुनिक विकल्पों पर विचार करें। एक्सपर्ट का सुझाव है कि बच्चे की प्लानिंग 35 साल की उम्र से पहले कर लें, क्योंकि उसके बाद क्रोमोजोम विसंगतियों का खतरा बढ़ जाता है। यह सलाह उन सर्च टर्म्स जैसे “शादी के बाद बच्चा प्लानिंग टिप्स” या “एग फ्रीजिंग कब करें” के लिए बेहद प्रासंगिक है।
वजन कम होने से पीरियड्स अनियमित होना के कारण और उपाय।
आजकल फिट रहने के लिए वजन कम करना फिटनेस का ट्रेंड काफी चलन में है, लेकिन इसके वजह से अचानक वजन घटने से महिलाओं के स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ सकता है। आगरा की सरिता वर्मा ने बताया कि तीन महीनों में सात किलो वजन कम होने से उनके पीरियड्स अनियमित हो गए। तो जवाब में डॉ. बजाज बताती हैं कि वजन में तेज बदलाव से हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं, जिससे मासिक धर्म प्रभावित होता है।
समाधान के रूप में थायरॉइड, ब्लड शुगर और सामान्य ब्लड टेस्ट करवाएं। वजन कम करने की प्रक्रिया धीमी और एक्सपर्ट की निगरानी में रखें। गाइनेकोलॉजिस्ट से मिलकर हीमोग्लोबिन की जांच भी जरूर करवाएं। आहार में पोषक तत्वों की कमी न होने दें, क्योंकि इससे न केवल पीरियड्स बल्कि समग्र स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
दो बच्चों के बाद स्थायी गर्भनिरोध, सर्जरी के विकल्प और सुरक्षा के उपाय।
दो बच्चों के बाद कई दंपति स्थायी गर्भनिरोध का विकल्प चुनते हैं। पटना की नूतन वर्मा जैसी महिलाएं सर्जरी से डरती हैं और पूछती हैं कि क्या पति नसबंदी करवा सकते हैं। जवाब में डॉ. अर्चना धवन बजाज कहती है की कि स्थायी गर्भनिरोध के लिए सर्जरी ही एकमात्र फुलप्रूफ तरीका है। महिलाओं के लिए लाइकेक्शन (फैलोपियन ट्यूब को लेजर से काटना) और पुरुषों के लिए नसबंदी उपलब्ध है।
नसबंदी एक छोटी, सुरक्षित और आउटपेशेंट सर्जरी है, जिसमें अस्पताल में ज्यादा समय नहीं लगता। यदि सर्जरी नहीं चाहते, तो इसके लिए अस्थायी विकल्प अपना सकते है, जैसे कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स या कॉपर-टी का उपयोग करें, लेकिन ये 100% प्रभावी नहीं होते। लाइकेक्शन के बाद भी आईवीएफ से गर्भधारण संभव है। एक्सपर्ट की चेतावनी है कि अस्थायी विधियां फुलप्रूफ नहीं हैं, इसलिए फैसला सोच-समझकर ही लें।
स्वास्थ्य पर खुलकर बात करें
परिवार नियोजन और महिलाओं के स्वास्थ्य पर कभी भी चुप न रहें। समय-समय पर एक्सपर्ट सलाह से सही फैसले लें, टेस्टिंग करवाएं और स्वस्थ आदतें जीवन में अपनाएं। यह लेख लाइव हिंदुस्तान के एक लेख पर आधारित है, जो महिलाओं को जागरूक बनाने का प्रयास है। यदि आपके कोई सवाल हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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